परिचय
      
        D.El.Ed (Diploma in Elementary Education), जिसे JBT/BSTC भी कहा जाता है, हरियाणा में प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए जरूरी दो साल का कोर्स है। हर साल बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इस कोर्स में एडमिशन लेते हैं। एडमिशन की सबसे महत्वपूर्ण स्टेज है—काउंसलिंग।
        
लेकिन बहुत सारे विद्यार्थी समझ नहीं पाते कि काउंसलिंग क्या होती है, और इसका स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस क्या है। यह ब्लॉग इसी सवाल का पूरा हल देता है।
      
      D.El.Ed काउंसलिंग क्या है?
      
        काउंसलिंग का मतलब है—सरकारी/प्राइवेट D.El.Ed कॉलेजों में सीट्स का अलॉटमेंट (बंटवारा) मेरिट और छात्र की पसंद के हिसाब से करना।
        हरियाणा में काउंसलिंग ऑनलाइन मोड में होती है और इसमें भाग लेकर आप अपनी पसंद के कॉलेज चुन सकते हैं।
      
      काउंसलिंग का पूरा प्रोसेस (स्टेप-बाय-स्टेप)
      1. ऑनलाइन आवेदन (Online Application)
      
        - SCERT हरियाणा या dedharyana.org पर जाकर D.El.Ed के लिए आवेदन फॉर्म भरें।
 
        - सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स अपलोड करें और आवेदन फीस जमा करें।
 
      
      2. मेरिट लिस्ट जारी (Merit List)
      
        - आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, सभी अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट तैयार होती है।
 
        - मेरिट लिस्ट 12वीं के अंकों और आरक्षण (कैटेगरी) के आधार पर बनती है।
 
        - जिनका नाम मेरिट लिस्ट में आता है, वही काउंसलिंग के लिए योग्य होते हैं।
 
      
      3. चॉइस फिलिंग (Choice Filling)
      
        - मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद आपको अपनी पसंद के कॉलेज ऑनलाइन सिलेक्ट करने होते हैं।
 
        - जितने ज्यादा कॉलेज ऑप्शन डालेंगे, सीट मिलने के चांस उतने बढ़ेंगे।
 
      
      4. सीट अलॉटमेंट (Seat Allotment)
      
        - चॉइस फिलिंग के बाद, सिस्टम आपकी मेरिट और पसंद के आधार पर कॉलेज अलॉट करता है।
 
        - आपको अलॉटेड कॉलेज की डिटेल्स ऑनलाइन पोर्टल पर दिख जाएंगी।
 
      
      5. रिपोर्टिंग और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन
      
        - आपको तय तारीख तक अलॉटेड कॉलेज में जाकर सभी ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स दिखाने हैं और फीस जमा करनी होती है।
 
        - रिपोर्टिंग न करने पर सीट कैंसिल भी हो सकती है।
 
      
      6. अगले राउंड्स (If Required)
      
        - अगर पहली काउंसलिंग में सीट नहीं मिली या सीट छोड़ दी, तो अगला काउंसलिंग राउंड आता है।
 
        - इसमें फिर से चॉइस फिलिंग कर सकते हैं।
 
      
      काउंसलिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
      
        - आवेदन की अंतिम तारीख और सभी नोटिफिकेशन पर ध्यान दें।
 
        - सही और पूरे डॉक्युमेंट्स साथ रखें।
 
        - चॉइस फिलिंग में अधिक कॉलेज चुनें।
 
        - अलॉटेड कॉलेज में समय पर रिपोर्ट करें।
 
      
      क्यों जरूरी है सही काउंसलिंग?
      
        - गलत चॉइस फिलिंग या डॉक्युमेंट में कमी से सीट छूट सकती है।
 
        - सही काउंसलिंग से आपको मनचाहा कॉलेज और ब्रांच मिल सकती है।
 
        - सरकारी नियमों का पालन जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।
 
      
      अगर काउंसलिंग में कोई समस्या हो तो?
      
        Aadesh Education आपकी पूरी मदद के लिए उपलब्ध है। फॉर्म भरने से लेकर डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन, चॉइस फिलिंग और काउंसलिंग के हर स्टेप में हमारी टीम मार्गदर्शन करती है।
        सीट्स लिमिटेड हैं, जल्दी संपर्क करें!
        
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